- Bermuda Triangle
अनसुलझा रहस्यः यहां जाने वाला जहाज वापस लौटकर नहीं आता
यह संसार रहस्य से भरा पड़ा है। ऐसा ही एक रहस्य है अमेरिका के दक्षिण पूर्वी तट पर बना बरमूडा ट्राएंगल। यहां भूले से कोई जहाज पहुंच जाए तो पता नहीं चल पाता कि जहाज को आसमान निगल गया या समुद्र।
वैज्ञानिक भी बरमूडा ट्राएंगल के इस रहस्य का पता नहीं लगा पाएं हैं कि आखिर यहां कौन सी शक्ति है जो जहाज को लील जाती है।
कहां और कैसा है बरमूडा ट्राएंगल
बरमूडा ट्राएंगल अमेरिका के फ्लोरिडा, प्यूर्टोरिको और बरमूडा तीनों को जोड़ने वाला एक ट्रायंगल यानी त्रिकोण है, जहां पहुंचते ही बड़े से बड़ा समुद्री और हवाई जहाज गायब हो जाता है। इस ट्राएंगल के पास पहुंचते ही न तो जहाज मिलता है और न ही उसके यात्री।
2.The Lost City Of Atlantis
क्या वाकई समुद्र में समा गया था एशिया से भी था बड़ा ‘एटलांटिस शहर’!
वैसे तो कहते हैं द्वापर युग की कृष्ण नगरी द्वारका पानी में समां गई थी और आज भी समुद्र में उसके अवशेष पाए जाते हैं। दरअसल भारत के गुजरात प्रांत में कैम्बे की खाड़ी में प्राचीन द्वारका शहर के अस्तित्व मिले हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह भगवान कृष्ण की प्राचीन नगरी द्वारका है। यह भारत के सात अति प्राचीन शहरों में से एक है। आपको बता दें ऐसा ही एक शहर जो कि पूरे एशिया जितना बड़ा था पानी में समा गया था जिसका नाम था एटलांटिस। वैसे तो ऐतिहासिक शहर एटलांटिस से जुड़ी कई कहानियां मशहूर हैं। कई वैज्ञानिकों और इतिहासकारों को भी इसके होने का पूरा यकीन है। माना जाता है कि यह शहर एशिया से भी बड़ा था, लेकिन एक दिन समुद्र इसे निगल गया
3.The Great Pyramids of Giza.
मिस्र के पिरामिड वहां के तत्कालीन फैरो (सम्राट) गणों के लिए बनाए गए स्मारक स्थल हैं, जिनमें राजाओं के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा गया है। इन शवों को ममी कहा जाता है। उनके शवों के साथ खाद्यान, पेय पदार्थ, वस्त्र, गहनें, बर्तन, वाद्य यंत्र, हथियार, जानवर एवं कभी-कभी तो सेवक सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था।
भारत की तरह ही मिस्र की सभ्यता भी बहुत पुरानी है और प्राचीन सभ्यता के अवशेष वहाँ की गौरव गाथा कहते हैं। यों तो मिस्र में १३८ पिरामिड हैं और काहिरा के उपनगर गीज़ा में तीन लेकिन सामान्य विश्वास के विपरीत सिर्फ गिजा का ‘ग्रेट पिरामिड’ ही प्राचीन विश्व के सात अजूबों की सूची में है। दुनिया के सात प्राचीन आश्चर्यों में शेष यही एकमात्र ऐसा स्मारक है जिसे काल प्रवाह भी खत्म नहीं कर सका।
4.The Nazca Lines.
शाकिंग फैक्ट, एलियंस से इनका ये है कनेक्शन
आसमान से नजर आती हैं ये नाज्का लाइंस।
वैसे तो दुनिया में मिस्टीरियस फैक्ट भरे पड़े हैं लेकिन कुछ फैक्ट आज भी लोगों को चौंकाने का काम करते हैं। ऐसा ही कुछ पेरू की नाज्का लाइंस का है जो आज से 2500 साल पहले की बताई जाती हैं। इन लाइंस का एलियंस से क्या कनेक्शन है, इसके बारे में एक नई थ्योरी सामने आई है। क्या कहा जा रहा है इन लाइंस के बनने के बारे में....
फेमस नाज्का लाइंस के बारे में ये नई थ्योरी सामने आई है कि एलियंस को अट्रेक्ट करने के लिए ये लाइंस बनाई गईं थीं। इन लाइंस के बारे में माना जाता है कि ये आज से 2500 साल पहले 500 BC से 200 BC के बीच बनाई गई हैं।
क्या है नाज्का लाइंस की मिस्ट्री?
ये डिजाइन एक सीरिज में बड़ी डिजाइन की तरह हैं जिसमें कई तरह के जानवर बनाए गए हैं जैसे फिश, मंकी,स्पाइडर। कई तो ह्यूमन की तरह फिगर्स बने हुए हैं। ये नाज्का लाइंस दक्षिण अमेरिकी देश पेरू की राजधानी लीमा से 400 किमी साउथ में हैं। यहां 800 स्ट्रेट लाइंस हैं जिनमें 300 ज्योमैट्रिक डिजाइन बने हुए हैं जिनमें से 7 एनिमल और प्लांट की डिजाइन हैं। इनमें से कुछ तो 370 मीटर लंबे हैं।
ये डिजाइन एक सीरिज में बड़ी डिजाइन की तरह हैं जिसमें कई तरह के जानवर बनाए गए हैं जैसे फिश, मंकी,स्पाइडर। कई तो ह्यूमन की तरह फिगर्स बने हुए हैं। ये नाज्का लाइंस दक्षिण अमेरिकी देश पेरू की राजधानी लीमा से 400 किमी साउथ में हैं। यहां 800 स्ट्रेट लाइंस हैं जिनमें 300 ज्योमैट्रिक डिजाइन बने हुए हैं जिनमें से 7 एनिमल और प्लांट की डिजाइन हैं। इनमें से कुछ तो 370 मीटर लंबे हैं।
जिन्हें सिर्फ स्पेस से ही देखा जा सकता है
वेबसाइट रैंकर के अनुसार, ये बड़े डिजाइन एलियंस को अट्रेक्ट करने के लिए बनाए गए हैं जिन्हें स्पेस से भी देखा जा सकता है। ये पैटर्न ऐसे बने हैं जिन्हें सिर्फ स्पेस से ही देखा जा सकता है। ये डिजाइन बिल्कुल लोगों के द्वारा बनाए हुए हैं और ये Extra-terrestrials के लिए एक सिग्नल था कि यहां लाइफ है।
वेबसाइट रैंकर के अनुसार, ये बड़े डिजाइन एलियंस को अट्रेक्ट करने के लिए बनाए गए हैं जिन्हें स्पेस से भी देखा जा सकता है। ये पैटर्न ऐसे बने हैं जिन्हें सिर्फ स्पेस से ही देखा जा सकता है। ये डिजाइन बिल्कुल लोगों के द्वारा बनाए हुए हैं और ये Extra-terrestrials के लिए एक सिग्नल था कि यहां लाइफ है।
5.Stonehenge
शायद आपने फिल्मी गानों में इन रहस्यमयी पत्थरों को देखा हो। इंग्लैंड में प्राचीन पत्थरों की संरचना स्टोनहेंज की कहानी पांच हजार साल से चली आ रही है। आज भी रिसर्च हो रही है कि इन्हें कैसे बनाया गया होगा।
इंग्लैंड के विल्टशायर में स्थित स्टोनहेंज मूल रूप से मिट्टी को खोदकर खड़े किए गए पत्थरों से निर्मित घेरा है। मौजूदा वक्त में सिर्फ अवशेष रह गए हैं, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं। ऐसा माना जाता है कि ‘स्टोनहेंज' इसके आसपास रहने वाली जनजातियों के नेता का नाम था और यहां कब्रिस्तान हुआ करता था। इसे दो प्रकार के पत्थरों-सारसेन्स और ब्लूस्टोन से मिलाकर बनाया गया था।
ये पत्थर इसलिए खास हैं क्योंकि इन्हें जोड़ने के लिए ऐसे जोड़ों का प्रयोग किया गया था जिनका प्रयोग सामान्यतः लकड़ी के काम में किया जाता है। ऐसा पांच हजार साल पहले होना बड़ी बात है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र क्रिस्टोफ स्नोएक ने हाल ही में की अपनी रिसर्च में दावा किया है कि इन पत्थरों को वेल्स से लाया जाता था, जहां ब्लूस्टोन मुख्यत: पाया जाता है। हो सकता है कि पत्थर लाने वाले मजदूरों की मौत हो गई हो या उन्होंने अपने जीवन के आखिरी दिन स्टोनहेंज के करीब बिताए हों।
स्नोएक ने लैब टेस्ट के दौरान पाया कि इन पत्थरों के अवशेष में स्ट्रोनटियम नामक तत्व है। यह इंसानी हड्डियों में पाया जाता है और 1000 डिग्री तक के तापमान को भी सह सकता है। स्नोएक के मुताबिक, ''शव को दफनाने के बाद डीएनए समेत शरीर के सारे ऑर्गेनिक मैटर नष्ट हो जाते हैं, सिर्फ इनऑर्गेनिक मैटर बचा रहता है।
Thankyou for reading this blog
Nice bhai
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